Reply To: Pehchan

जब से तुम जिंदगी में आए ,जिंदगी बदल गई
खामोश सूनी जिंदगी सरगम में ढल गई

सोचा न था जिंदगी में कोई ,
तुम सा भी आएगा
दिल में बिठा के प्यार का
मंदिर बनाएगा
तुम मिल गए मेरी तकदीर संवर गई

हसरत में डूबी चाहत को राहत की जमीन तुमसे मिली
बावरा मन बेकल न रहा ,
ग़म भी कितने थे मगर खुशियों में ढल गई

D Singh

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